ट्रंप की धमकी से डरे मोदी, ऑपरेशन सिंदूर के बीच अचानक युद्धविराम!
दिल्ली विधानसभा में AAP नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर गंभीर आरोप लगाए कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की धमकी के डर से पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बीच सीजफायर किया। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष विपक्ष आमने-सामने है।

National News: दिल्ली विधानसभा में आप नेता आतिशी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अचानक सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने की। पहले तो लगा ये फेक ट्वीट है, लेकिन कुछ देर बाद भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि कर दी। ये बेहद हैरान करने वाला था कि भारत जैसा शक्तिशाली देश अमेरिका की धमकी पर झुक गया। उन्होंने पूछा, क्या अमेरिकी व्यापार हमारी बहनों की मांग से ज्यादा कीमती था?
पहलगाम हमले से टूटा देश
आतिशी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, वो कभी भुलाया नहीं जा सकता। हमारी बहनों ने अपने पतियों की जान की भीख मांगी, लेकिन बेरहम आतंकवादियों ने निर्दोषों को गोलियों से भून दिया। पूरा देश एकजुट था और एक आवाज में कह रहा था कि इस हमले का जवाब ज़रूरी है। देश मांग कर रहा था—सिंदूर का बदला।
सेना ने दुश्मन को रौंदा
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सरहद में घुसकर आतंकियों को मारा। ऑपरेशन सिंदूर में थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों ने मिलकर पाकिस्तान के एयरबेस और न्यूक्लियर ठिकानों को नुकसान पहुंचाया। लेकिन युद्ध निर्णायक होता, उससे पहले ही विदेशी दबाव के चलते युद्ध रोक दिया गया। सेना को उस वक़्त पूरा जनसमर्थन हासिल था।
ट्रम्प ने लिया श्रेय, चुप मोदी
आतिशी ने सवाल किया कि जब ट्रम्प ने खुलकर कहा कि उन्होंने धमकी देकर भारत से युद्ध रुकवाया, तो प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? क्या ये सच है कि ट्रम्प ने व्यापार बंद करने की धमकी दी और मोदी सरकार डर गई? उन्होंने कहा, मोदी जी को बताना चाहिए कि ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं, लेकिन उनकी खामोशी सब कुछ कहती है।
धर्म पूछकर की हत्याएं
आप विधायक संजीव झा ने कहा कि आतंकियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर निर्दोषों की हत्या की। उनका मकसद देश में नफरत फैलाना और गृहयुद्ध करवाना था। दुर्भाग्य है कि देश के अंदर भी कुछ गद्दार उसी भाषा में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, जो लोग धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं, वो आतंकियों के एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहे हैं।
पीओके लेने का था मौका
विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि जब पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारा गया, तब पीओके वापस लेने का सबसे बड़ा मौका था। सेना तैयार थी, देश तैयार था। लेकिन एक विदेशी नेता के एक ट्वीट से युद्ध रोक दिया गया। अगर वो युद्धविराम न होता, तो आज पीओके हमारा हिस्सा होता।
मोदी ने सेना को धोखा दिया
आतिशी ने सीधा आरोप लगाया कि मोदी जी ने देश की सेना, जनता और हमारी बहनों के सिंदूर को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा की कायरता ने भारतीय सेना का हौसला तोड़ा। देश मोदी के साथ नहीं, सेना के साथ खड़ा था। लेकिन दुर्भाग्य से प्रधानमंत्री ही उस वक़्त अपनी सेना के साथ नहीं थे।


