NMC की बड़ी पहल, PG मेडिकल के छात्र बाढ़ प्रभावित उत्तरी राज्यों में करेंगे सेवा
उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बाढ़ व आपदा प्रभावित इलाकों में पीजी के मेडिकल छात्रों की तैनाती को अब जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम के प्रशिक्षण का हिस्सा माना जाएगा. यह कदम न केवल छात्रों को व्यावहारिक अनुभव देगा बल्कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता को भी मजबूत करेगा.

NMC PG Medical Students: उत्तरी राज्यों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और उससे उत्पन्न बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने एक अहम निर्णय लिया है. आयोग ने शनिवार को जारी एक परिपत्र में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्नातकोत्तर मेडिकल छात्रों को उत्तरी भारत के बाढ़ प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य सेवा सहायता हेतु तैनात किया जाए. इस तैनाती को छात्रों के डिस्ट्रिक्ट रेजिडेंसी प्रोग्राम (DRP) का हिस्सा माना जाएगा. एनएमसी का मानना है कि यह कदम छात्रों को न केवल व्यावहारिक अनुभव देगा. बल्कि क्षेत्रीय स्वास्थ्य चुनौतियों के प्रति भी उन्हें अधिक जागरूक बनाएगा.
सेवा के साथ सीखने का अवसर
NMC ने अपने निर्देश में कहा है कि बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है. स्नातकोत्तर डॉक्टरों की तैनाती से न केवल इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी बल्कि युवा डॉक्टरों को आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति और सामुदायिक सेवा से जुड़ी चुनौतियों को प्रत्यक्ष रूप से समझने और सीखने का मौका मिलेगा. परिपत्र में कहा गया है कि सीखने और सेवा दोनों के लिए यह एक अद्वितीय अवसर है. जिसे स्नातकोत्तर प्रशिक्षण के एक मूल्यवान घटक के रूप में मान्यता दी जाएगी.
गृह मंत्रालय की अपील और डॉक्टरों की पहल
गृह मंत्रालय ने भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की है कि वे आपदा प्रबंधन में सभी संसाधनों का पूरा उपयोग करें. मंत्रालय ने विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है. राहत की बात यह है कि कई स्नातकोत्तर डॉक्टरों ने स्वेच्छा से सेवा देने की इच्छा भी जताई है. यह प्रतिबद्धता देश की युवा चिकित्सा शक्ति की सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को दर्शाती है.
DRP पोस्टिंग के लिए राज्यों को निर्देश
NMC ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्नातकोत्तर छात्रों की डीआरपी पोस्टिंग करें. यह पहल ना केवल छात्रों के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग का एक सशक्त माध्यम बनेगी बल्कि चल रहे राहत अभियानों को भी गति देगी. आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चिकित्सा छात्र अपनी शिक्षा को वास्तविक जीवन की चुनौतियों से जोड़ सकें.
बाढ़ जैसी आपदाओं में यह निर्णय सीखने के साथ सेवा की भावना को और प्रबल करता है. जहां एक ओर प्रभावित जनता को चिकित्सा सहायता मिलेगी वहीं दूसरी ओर भविष्य के डॉक्टरों को सामाजिक चिकित्सा की बारीकियों को समझने का अवसर मिलेगा.


