पैग चढ़ते ही दिमाग फिसलता है! शराब से रिलीज होते हैं 'झूठे सुख' वाले हार्मोन
शराब सिर्फ नशा नहीं, दिमाग के हार्मोन सिस्टम पर सीधा हमला है। एक पैग लेते ही खुशी का झूठा एहसास, तनाव का छलावा और याददाश्त की उलझन शुरू हो जाती है। सेहत को खोखला करती ये राहत असल में बर्बादी है।

Hormone Release after Alcohol: क्या सच में दो-चार पैग पीने के बाद से हल्कापन महसूस होता है और हम सब कुछ भूलने लगते है. लेकिन आज कल की चकाचौंध से भरी दुनिया में कभी आपने सोचा है शराब,सेहत और जेब दोनों की कितना गलत है! ये ना सिर्फ शरीर को अंदर से खोखला करती है, बल्कि आपकी जेब को भी खाली कर देती है. साहित्य और सिनेमा हो या फिर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी, आपको शराब के नुकसान (Alcohol Effect On Brain) से जुड़े ढेरों उदाहरण सुनने को मिल जाएंगे. आपने खुद भी देखा होगा कि शराब के नशे में लोग कैसे अपना संतुलन खो बैठते हैं, भूल जाते हैं कि कुछ देर पहले क्या हुआ था और अक्सर बेवजह हंसने या रोने लगते हैं. लेकिन कोई ये नहीं सोचता है कि इस दौरान हमारे शरीर में कौन-कौन से हार्मोनल चेंजेज होते हैं.
1. शराब और डोपामाइन हार्मोन
शराब पीने के बाद सबसे पहले शरीर में डोपामाइन हॉर्मोन रिलीज होता है, जिसे "खुशी का हॉर्मोन" भी कहा जाता है. डोपामाइन मस्तिष्क के इनाम तंत्र (रिवॉर्ड सिस्टम) को तेज करता है, जिससे व्यक्ति को तुरंत खुशी और संतुष्टि का एहसास होता है. न्यूरोसाइंटिस्ट बताते हैं. "शराब पीने के बाद डोपामाइन का स्तर बहत तेजी से बढ़ता है, जिससे व्यक्ति अपने तनाव और दुखों को भूलकर मजे से आनंद में डूब जाता है."
2. सेरोटोनिन हॉर्मोन
शराब का पाीने के बाद सेरोटोनिन के स्तर को भी प्रभावित करता है. यह हॉर्मोन मूड को स्थिर करने और तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. शराब पीने के तुरंत बाद सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता काफी तेजी से बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को शांति और हल्कापन महसूस होता है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रभाव अस्थायी होता है और लंबे समय तक शराब के सेवन से सेरोटोनिन का संतुलन बिगड़ भी सकता है.
3. एंडोर्फिन हॉर्मोन
ज्यादा शराब का सेवन करने से एंडोर्फिन हॉर्मोन भी रिलीज होता है, जो शरीर की दर्द के कम करता है तनाव और भावनात्मक दर्द को भी कम करने में मदद करता है. "जब आप शराब पीते हैं, तो एंडोर्फिन का रिलीज आपको तनावमुक्त और हल्का महसूस कराता है, जिससे गम भूलने में मदद मिलती है,"
4. गाबा और ग्लूटामेट हॉर्मोन
शराब मस्तिष्क में गाबा (GABA) और ग्लूटामेट हॉर्मोन्स के संतुलन को भी प्रभावित करती है. गाबा मस्तिष्क को शांत करता है, जबकि ग्लूटामेट उत्तेजना को बढ़ाता है. शराब गाबा की गतिविधि को बढ़ाकर मस्तिष्क को शांत करती है. जिससे व्यक्ति तनावमुक्त और रिलैक्स महसूस करता है. ऐसे शराब का सेवन कर तनाव भूलना लोगों का एक लोकप्रिय साधन बनाते हैं.
हालांकि शराब पीने से तुरंत राहत मिलती है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह प्रभाव अस्थायी होता है. लंबे समय तक शराब का सेवन हॉर्मोन्स के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. "शराब गम भूलने का एक तात्कालिक उपाय हो सकता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बेहद ही हानिकारक होता है.