आतंकी हमले के बाद भारत का बड़ा फैसला, करतारपुर कॉरिडोर किया गया बंद
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव गहरा गया है. इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की और इसके बाद करतारपुर कॉरिडोर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया.

भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की. इसके जवाब में भारत ने सख्त कदम उठाते हुए करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया. नतीजतन, श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है और कई तीर्थयात्रियों को डेरा बाबा नानक स्थित चेक पोस्ट से वापस भेज दिया गया.
करतारपुर कॉरिडोर वह पवित्र मार्ग है जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करने जाते हैं. लेकिन हालिया घटनाक्रमों के बाद यह गलियारा अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं और यात्रा में रुकावट आई है.
आतंकी हमले के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से गिरावट देखी गई. जहां 23 अप्रैल को 408 तीर्थयात्री करतारपुर गए थे, वहीं 28 अप्रैल को यह आंकड़ा घटकर केवल 133 रह गया. यह करीब 60 फीसदी की गिरावट है. 28 अप्रैल से 6 मई तक के आंकड़े फिलहाल सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.
491 श्रद्धालुओं में से 170 को लौटाया गया
बुधवार को 491 श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब के लिए रवाना होना था, लेकिन गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक स्थित आव्रजन जांच चौकी पर 170 तीर्थयात्रियों को वापस भेज दिया गया. यह कदम भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई के बाद लिया गया, जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
SGPC ने दी श्रद्धालुओं को अपील
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सचिव प्रताप सिंह ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे यात्रा रद्द न करें. उन्होंने कहा, “सिखों को डरने की जरूरत नहीं है. सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.” बावजूद इसके श्रद्धालुओं में भय का माहौल बना हुआ है.
एक धार्मिक और कूटनीतिक पुल
गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर 9 नवंबर 2019 को यह कॉरिडोर खोला गया था. गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित दरबार साहिब तक यह 4.5 किलोमीटर लंबा रास्ता दोनों देशों के बीच समझौते के तहत बनाया गया था. यह समझौता वर्ष 2029 तक मान्य है, जिसके तहत भारतीय श्रद्धालु बिना वीजा के गुरुद्वारे तक जा सकते हैं.
गुरदासपुर में धमाका, बम जैसी वस्तु मिली
मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात गुरदासपुर के पंधेर गांव में एक तेज धमाका हुआ. ग्रामीणों को यहां बम जैसी कोई वस्तु मिली, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. एसीपी आदित्य ने कहा, “लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. अगर कोई संदिग्ध वस्तु मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें.”