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Saturday, 18 February 2023
ॐ लोक आश्रम: इस संसार में संन्यासी कौन है? भाग-2
Thursday, 16 February 2023
ॐ लोक आश्रम: इस संसार में संन्यासी कौन है? भाग-1
Thursday, 09 February 2023
ॐ लोक आश्रम: क्रोध पर नियंत्रण कैसे हो? भाग-3
हम सबसे पहले जीवन को समझने का प्रयास करें कि जीवन है क्यों। हम इस संसार में आए हैं हम 60 साल, 70 साल, 80 साल जितने साल इस जीवन में रहेंगे तो उस 70-80 साल में हमें क्या करना है और किस तरह का जीवन हम चाहते हैं किस तरह के जीवन को सफल जीवन माना जाएगा।
Tuesday, 07 February 2023
ॐ लोक आश्रम: क्रोध पर नियंत्रण कैसे हो? भाग-1
भगवान कृष्ण ने जीवन के हर पहलू को हर पक्ष को गीता में छुआ है और बताया है कि किस तरह से हम अपनी वासनाओं पर जीने वाले पशुवत जीवन से अपनी बुद्धि के स्तर पर और बुद्धि से ऊपर उठकर अपने आत्मा के स्तर पर किस तरह जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
Monday, 06 February 2023
ॐ लोक आश्रम: जगत के स्वरूप का सिद्धांत क्या है? भाग-2
भगवान कृष्ण कहते हैं अगर तुम यह मान लेते हो कि आत्मा नित्य पैदा होता है और नित्य मरता है तो भी तुमको युद्ध से डरना नहीं चाहिए। अगर आप क्षणभंगवादी हो, आप ये मानते हो कि सारा संसार परिवर्तनशील है और उस परिवर्तनशील संसार में हर क्षण नया सृजन होता है।
Saturday, 28 January 2023
ॐ लोक आश्रम: संसार में सत्ता के कितने स्तर हैं?
अगर मैं शरीर को ही अपना समझुंगा तो ध्यान में जाते ही कभी हमें खुजली होगी, कहीं मेरे विचार आएंगे, कहीं मुझे दुख होने लगेगा, कोई अच्छे विचार आएंगे हंसी आने लगेगी, किसी की याद आने लगेगी और कुछ न कुछ वजहों से मेरा हाथ हिलता रहेगा।
Friday, 27 January 2023
संसार में सत्ता के कितने स्तर हैं? भाग 1
हमें ये जानना जरूरी है कि संसार में सत्ता के कई स्तर हैं। हम यही समझते हैं हमेशा कि संसार में सत्ता के एक ही स्तर हैं। जैसा हमें दिखाई देता है नदी पहाड़ सारी चीजें सत्ता का केवल यही एक स्तर नहीं है। सत्ता के तीन स्तर सनातन धर्म में माने गए हैं। प्रतिभाषिक सत्ता, व्यावहारिक सत्ता और पारमार्थिक सत्ता।
Tuesday, 24 January 2023
ॐलोक आश्रम: मृत्यु के डर से कैसे बचें? भाग-1
हमारे जीवन में हमारा सबसे बड़ा डर होता है इस जीवन का समाप्त होना, मृत्यु होना। हर व्यक्ति हर जीवित प्राणी अपनी मृत्यु से डरता है और वही अर्जुन अपनी मृत्यु से डर रहा है या फिर अपने प्रिय पात्रों की मृत्यु से डर रहा है और युद्ध से पीछे भाग रहा है।